विटामिन क्या होते हैं ।


विटामिन । विटामिन के प्रकार । विटामिन कितने प्रकार की होते हैं
Vitamins



वैज्ञानिकों के मुताबिक, शरीर के सम्पूर्ण विकास के लिए हमें अपने आहार में सभी आवश्यक पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। इनमें से विटामिन्स भी एक आवश्यक तत्व है। विटामिन्स ऐसे कार्बनिक यौगिक हैं, जो शरीर को सही ढंग से कार्य करने की शक्ति देते हैं। शरीर को विटामिन्स की बहुत कम मात्रा की जरूरत होती है लेकिन इन आवश्यक विटामिन्स का निर्माण हमारे शरीर में नहीं होता इसलिए हम नियमित भोजन से इनको अपने शरीर में पहुंचाते हैं। पौष्टिक आहार प्रदान करने वाले विभिन्न तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और फायबर होते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स से एनर्जी , मिनरल्स , प्रोटीन से मांसपेशियों का निर्माण, वसा से ऊर्जा,  जैसे दूसरे तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। विटामिन्स कुल 13 प्रकार के होते हैं।


विटामिन का इतिहास

विटामिन्स का इतिहास करीब 150 साल पुराना है। इसकी खोज डच जीवाणु विशेषज्ञ क्रिश्चयान एईकमैन (1858-1930) ने की थी। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि हमारे आहार में कुछ रसायन होते हैं, जो सेहत के लिए जरूरी हैं।


विटामिन के प्रकार

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Vitamins


विटामिन्स मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, वसा में घुलनशील व पानी में घुलनशील।

वसा में घुलनशील विटामिन्स शरीर में मौजूद फैट में घुल जाते हैं।और रक्त में पहुंचकर एनर्जी देते हैं। ऐसे चार विटामिन होते हैं।


पानी में घुलनशील विटामिन्स शरीर में मौजूद पानी में घुलते हैं।यह विटामिन पानी में घुलकर किडनी द्वारा बाहर निकल जाते हैं। ऐसे कुल 9 विटामिंस होते हैं।


विटामिन के उप प्रकार



1. विटामिन ए


यह विटामिन्स रेटिनोल और थाईरिमीन जैसे कंपाउंड से मिलकर बना होता है।

विटामिन ए शरीर की त्वचा, बालों, नाखूनों, दातों, मसूड़ों, मांसपेशियों, और हड्डियों को ताकत देता है. विटामिन ए कैल्शियम का स्तर संतुलित करने में मदद करता है। यदि हमारे शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाए तो हमारी आँखें प्रभावित होती हैं।


विटामिन ए के मुख्य स्रोत


हमें विटामिन ए  भरपूर मात्रा में चुकंदर, गाजर, पनीर, दूध, टमाटर, और पीले रंग के फलों का सेवन करके मिल सकता है।


2. विटामिन बी


विटामिन्स बी मुख्यतः हमारी पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है। यदि हमारे शरीर में विटामिन बी की कमी हो जाए तो हमें पेट संबंधी परेशानियां जैसे कि दस्त, भूख ना लगना, नसों में सूजन व बेरी-बेरी जैसे रोग हो सकते हैं। कभी-कभी इसकी कमी से मांसपेशियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि पैरालिसिस अथवा हार्ट फेल भी हो जाता है। विटामिन बी आठ प्रकार के होते हैं।


विटामिन बी के प्रकार


विटामिन बी1

विटामिन बी2

विटामिन बी5

विटामिन बी6

विटामिन बी7

विटामिन बी9

विटामिन बी12


विटामिन बी के मुख्य स्रोत हैं -

चावल की भूसी, चोकर, दाल के छिलके, अंकुरित अनाज, खमीर, दूध, ताजी सब्जियां, आटा, सहजन, गाजर, चुकंदर, मूंगफली, अदरक, किशमिश, केला, खीरा, और काजू.


3. विटामिन सी

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विटामिन सी या एस्कोरबिक एसिड, का काम होता है शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखना व शरीर की इम्यूनिटी की रक्षा करना. विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होता है। इस रोग में शरीर में हर समय थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, जोड़ों में दर्द, मसूड़ों से खून आना, पैरों में लाल निशान जैसी परेशानियां देखी जा सकती हैं। विटामिन सी की कमी से शरीर की इम्युनिटी गिर जाती है, जिसके कारण छोटी-छोटी बीमारियां, खांसी, जुकाम, मुंह के रोग, दांत के रोग, त्वचा के रोग, पेट में अल्सर, जैसी परेशानियां अनुभव की जा सकती हैं।


विटामिन सी के मुख्य स्रोत


आंवला, संतरा, अनानास, अनार, आम, नींबू, शकरकंद, मूली, बैंगन, और प्याज, सभी में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।


4. विटामिन डी


विटामिन डी अरे शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस रखने में मदद करता है। इससे हमारी हड्डियां मजबूत रहती हैं। और यह बच्चों के विकास के लिए बेहद जरूरी है। यदि बच्चों के शरीर में की कमी हो तो उन्हें रिकेट्स और ओस्टोपोरिसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं, इससे हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं।


विटामिन डी के स्रोत


सूरज की किरणें विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत हैं । दूध, मलाई, मक्खन, मूंगफली, और तिल का सेवन करके भी विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जा सकता है।


5. विटामिन ई


विटामिन ई वसा में घुलने वाला विटामिन है। विटामिन ई इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही कई एलर्जी से बचाव करने में, कोलेस्ट्रोल को संतुलित करने में सहायता करता है. इसके अलावा विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है। विटामिन ई हमारे शरीर में खून में मौजूद लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करता है और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। स्किन और बालों को स्वस्थ और सौंदर्य पूर्ण बनाए रखने में भी विटामिन ई मदद करता है। इसकी कमी से प्रजननशक्ति में कमी आ जाती है, और उम्र का असर जल्दी ही दिखने लगता है।


विटामिन ई के स्रोत


अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, अनाज, इसके मुख्य स्रोत हैं।


6. विटामिन के


यह विटामिन शरीर में मौजूद ब्लड को गाढ़ा करने में मदद करता है। यदि इस विटामिन की कमी हो जाए तो ब्लड क्लॉटिंग नहीं हो पाती है जिस कारण से खून के बहाव को रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है। यह विटामिन लीवर को भी स्वस्थ रखता है।


विटामिन के, के स्रोत


छिलकेदार अनाज और हरी सब्जियां विटामिन के, के अच्छे स्रोत हैं।


उपरोक्त विटामिन के अलावा विटामिन एफ, विटामिन बी 15, फोलिक एसिड, जैसे शरीर के लिए कोई खास महत्व नहीं रखते हैं।


इसके अलावा यदि हम नियमित रूप से हरी सब्जियों, अंकुरित अनाज, दूध व फलों का सेवन करें तो हमारे शरीर में इन सभी

विटामिनों की पूर्ति बनी रहेगी।

विटामिन के प्रकार । विटामिन कितने प्रकार की होते हैं
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हमारे शरीर में ऊर्जा भरने हेतु हमें एक संतुलित और पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। एक संतुलित और पौष्टिक आहार ही स्वस्थ मन और तन की कुंजी है। हम जो भी खाना खाते हैं, खाद्य पदार्थ ग्रहण करते हैं, व पेय का सेवन करते हैं उन सभी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और फाइबर की अलग-अलग मात्रा होती है। यदि इनमें से किसी की भी मात्रा ज़्यादा या कम हो जाए तो हमारे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है, या हमारा शरीर व मस्तिष्क कुपोषित रह सकता है। इसीलिए बेहद जरूरी है कि हम किसी भी वस्तु का सेवन करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी ले लें ।


विटामिंस की खोज ब्रिटिश वैज्ञानिक फैडरीक हौ्पकिन द्वारा की गई थी ।


विटामिन का महत्व

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हम जो भी खाना खाते हैं वह शरीर में किसी खास मकसद को पूरा करता है। और विटामिन्स इसमें भरपूर योगदान करता है। यदि किसी विटामिन की कमी हो जाए तो हमें विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं। दरअसल विटामिन हमारे भोजन को इंधन में बदलकर खाए हुए खाने को पचाने में सहायता करता है। विटामिन्स खाने को एनर्जी में बदलकर हमारे शरीर को उर्जा पहुंचाता है।


विटामिन-जीवन रक्षक


विटामिन्स हमारे शरीर को रोगों से बचाते हैं इसीलिए उन्हें जीवन रक्षक कहा जाता है। हमारा शरीर विटामिन्स का निर्माण स्वयं नहीं कर सकता है इसीलिए हमें भोजन से इन्हें प्राप्त करना पड़ता है।